किसान और किसानी

भारत कृषि प्रधान देश है ।और मध्य भाग में स्थित  छत्तीसगढ़ , यह  "धान का कटोरा है "मौसम बरसात और सावन का महीना जब पूरी दुनियां के लोग बरसते पानी मे  आने घरों में रहते है तो देश का एक मजबूत स्तंभ आने कामो में  विलीन रहते है जिससे हम कृषक के नाम से जानते है और उनका काम किसानी होता है ये  अपने परिवार का भार कंधे पर लेकर चलते है इनका कोई समय 'नियम नही होता है ।जैसे ही आसमान में गरज और बादल दिखाई दे अपने  काम को लेकर हमेशा से चिंतित रहते हैं कहि खेतो में अधिक  पानी न हो  और उनके फ़सल नुकसान न हो  साथ ही सूखे  से भी बचना पड़ता है  आज देश के सभी किसान अपने खेतों में काम  में लगे है क्योंकि आज की इस समय मे  सबसे ज्यादा काम का बोझ इन्ही के कंधों पर पड़ रहा है  सुबह से शाम तक ये खेतो पर अपनी  जिंदगी बिताते हैं खेतो की मेड़ से लेकर जल  प्रबंधन तक का सभी का देख रेख करना पड़ता है  अपने काम  जगह ही इनका किचन होता है  खाना पीना खेतो में करते है ताकि वे  देश को  चला सके  इनका  कोई भी परेशानी हो सबको सहन करते हुए अपने परिवार को हार हाल में जिंदा रखने के लिए काम करते हैं आज पूरा देश कोरोना महामारी से  लड़ रहा है सभी एक दुसरे से फासले बनाये  हुए है   पर ये अपने कामो में विलीन है इनके ऊपर सारा देश को जिंदा रखने का आवश्यक्ता जो है करेंगे भी क्या बेचारे अपने काम  के शिवाय इनके पास कोई दूसरा रास्ता भी तो नही है  हर सम्भव मेहनत को तरकस किसान पानी मे भींगते हुए जाड़े में कांपते हुए अपने खेतों  पर नजर गड़ाये रहता है फिर लोग इनके कामो  से सन्तुष्ट नही रहते हैं अक्सर किसानों के अनाजो का मोल भाव किया जाता है कभी किसी ने यही भी नही सोचता कि उसके एक दाने को उगाने में कितनी  समस्याओ का सामना करना पड़ा है 

                             जीवन सांडिल्य

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