⏩️सिखने का दौर ⚛️


   हर सुबह से लेकर शाम होने तक हम सभी अपने जीवन के विभिन्न पहलू से मुलाक़ात करते है !अगर मै कहु की सप्ताह के हर दिन अलग होते है तो  आप कहेंगे की सप्ताह के दिनों के नाम तो सात ही है, फिर कैसे अलग हुये? 
दरसल मै आप सभी से अपनी हर दिनों की दिनचर्या के अलावा जो हमारे काम होते है, वे हर दिन कुछ न कुछ  अलग  होते है, उनकी बात कर रहा हु !
जैसे आप सभी सुबह उठने के साथ ही अपने कामों मे लगने की तैयारी मे जुड़ जाते है !और हर दिन की तरह काम  के लिये अपने दफ्तर, खेत, दुकान जाते है, लेकिन आप सभी पाते है की विगत दिवस  जो आपके साथ घटनाये हुई वह आज से अलग थी !और आज जो हो रहा है वह अलग तो इन सब के बीच  हम सभी को पिछले दिनों  के मुकाबले मे कुछ अलग सिखने को मिलता है !जिसमे कुछ नई बाते होती है और कुछ पुरानी होती है!
   तो हमारे साथ यह प्रकिया चलती रहती है और हम अन्य दिनों की तुलना मे कुछ न कुछ नया अपने जीवन मे अनुभव करते है, जिसे हम कुछ सिख पाते है ! और यहीं  सिखने की दौर कहलाता है !
 जीवन की हर पहलू को अच्छे और बुरे चीजों को देखते सीखते ही आगे बढ़ते है और यह चलता रहता है! जिसमे विभिन्न चीजों कोई समझ, परख का व्यवहारिक ज्ञान अर्जित करते है ! 
" आप सभी के एक घुमक्ड़ दोस्त की घुमकड़ी डायरीसे "

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